संघर्ष करती रहती हूं
अपने आपको पाने में
अपनी तरह से रहने में
संघर्ष करती रहती हूं
खुद को पहचानने में
अचानक
घायल हो जाता है
मन, आत्मा, शरीर
बिखर जाते है ख़्वाब
संघर्ष करती रहती हूं
सपनों को बचाने का
ढूंढती रहती हूं
खुद को
किसी सुमसाम सड़क पर
किसी अंधेरे चौराह पर
किसी अजनबी रास्ते पर
किसी अनजाने चेहरे पर
संघर्ष करती रहती हूं
खुद को पाने में
खुद को पहचानने में..
~सरिता
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