Skip to main content

आखरी आदमी

  # आखरी आदमी


चलते लाशों को

मुस्कुराते हुए मृत शरीरों को पार करके

एक मनुष्य की शवयात्रा मौन से गुजर रही है

उस अंतिम यात्रा में किसी के भी आंसू नहीं है

आखरी बार उसे देखने कोई आत्मीय आंखें नहीं आए


उस मृत्यु को ले जाने वाली चार भुजाओं के बिना

उस मृत्यु को देखकर आंसू बहाने वाले आंखों के बिना

उस मृत्यु को देखकर शोक व्यक्त करने वाले आवाजों के बिना

पूरा गांव

पूरा कस्बा

अपंग

अंधा

गूंगा

बनकर

सिर्फ जीवित लाश बनकर सड़ रही है

उस कस्बे का नाम अब बदल गया है

कस्बे का नाम अब  ' शमशान ' है।


एक आदमी मौत के कगार पर है

वह आदमी जो उस मृत्यु के साथ कुछ वर्षों तक जीवित रहा

उस मृत्यु को अनंत दुखों के साथ उठाने वाला

वह मृत व्यक्ति

उस गांव का आखरी आदमी था


उस आदमी के दुःख के भार से

गांव की सड़क शर्म से झुक गई है

उस आदमी के शोक की प्रवाह से

पूरा गांव  बह गया


अब वहां कोई गांव नहीं है

उस कस्बे में अब कोई मनुष्य नहीं है

वह मृत व्यक्ति ही उस गांव का

आखरी आदमी था।



मूल - सत्या कलकोटी ( तेलुगु )

अनुवाद - सरिता 



Comments

Popular posts from this blog

డా. పూలాల చంద్రశేఖర్ & డా. యస్‌ ఎ. సత్తార్‌కు ‘కర్నూలు జిల్లా రత్నాలు’ అవార్డు

 కర్నూలు వైద్య రంగ ప్రతిభలకు ఘన సన్మానం. డా. పూలాల చంద్రశేఖర్ మరియు డా. యస్. ఎ. సత్తార్‌కు ‘కర్నూలు జిల్లా రత్నాలు’ పురస్కారం అందజేత. Kurnool News Andhra Pradesh News Medical News Education News Awards Health Sector Inspirational Stories

AI Excellence: The Secret Ingredient to Achievements

thirdparty videos.