प्रश्न 1) एक शिक्षक होने के नाते अपने विभाग के विकास के लिए अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करे?
उत्तर ) शिक्षण विभाग में तकनीकी वृद्धि होना अत्यंत आवश्यक है। बदलते समय और सामाज के अनुसार शिक्षक छात्रों को सामयिक बनाना ( अपडेट ) चाहिए । शिक्षक को विभिन्न तरह के पाठयोजनाएँ तैयार करनी होगी चाहे विषयवस्तु भाषा से संबंधित हो या विज्ञान से संबंधित । छात्रों की रूचि - अभिरुचि को ध्यान में रखते हुए विषय वस्तु को वर्तमान जीवनशैली से जोड़कर पढ़ाना चाहिए ।
विदेशों की तरह कक्षा में स्मार्ट बोर्ड , स्पीकर रखना विभाग का विकास नहीं कहलाता ।
" एक अच्छे शिक्षक के लिए शयामपट्ट ही काफ़ी है।"
विभाग के विकास के लिए शिक्षक शिक्षण करते समय " जात - पात को भूलकर मानव समाज के कल्याण का उद्देश्य से दृष्टिकोण प्रस्तुत करनी चाहिए ।
- पाठ्यक्रम में राष्ट्रवाद को स्थान देना चाहिये ।
- पाठयक्रम के साथ - साथ सांस्कृतिक कलाएँ / कार्यक्रम और खेल - कूद पर भी नज़र रखनी होगी ।
- विभाग के विकास के लिए मातृभाषा , राष्ट्रभाषा , राजभाषा और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं को स्थान देना ज़रूरी हैं।
प्रश्न 2) आप शिक्षण वातावरण कैसे बनाएंगे ?
उत्तर ) कक्षा में शिक्षण वातावरण बनाने के लिए पाठ की प्रस्तावना रुचिकर होनी चाहिए :- जैसे
- गीत गाकर पाठ शुरू करें ।
- चित्र बनाकर / दिखाकर बच्चों का दृष्टिकोण आकर्षित कर सकते हैं ।
- विभिन्न तरह की तालियाँ बजाकर सकारात्मक शिक्षण वातावरण बना सकते हैं ।
- कहानी से पाठ की शुरूआत करें ।
- विषय ( सबजेक्ट ) / भाषा का महत्व भविष्य में स्थान के अनुसार विभिन्न विषयों का महत्व अपनी जीवनशैली / रोज़गार पर आज के पाठ का प्रभाव समझाएँ ।
- अपनी विषय को परिवार / समाज / विज्ञान / सामाजिक अध्ययन / अन्य भाषा से जोड़कर समझाने से हमेशा के लिए शिक्षण वातावरण बने रहेगा ।
कृपया अपनी कोई राय / सुझाव है , तो कामेंट में लिखिए |
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