
इस देश कि आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्र समरयोद्धा के लिए समर्पित करते हुए।
हो हो रंग दे, हो हो रंग दे
हर दिल को रंग दे , हर दिल में तिरंग भर दे।
हर योध्य को दिल रंग भर दे, इनको सर झुकाके सलाम कर दे।
हर देश प्रगति चाहने वाले दिल भर दे इनको सलाम कर दे।
हो हो रंग दे, हो हो रंग दे।
हर दिल को रंग दे, हर दिल में तिरंग भर दे।
हर खेत में हरा भरने वाले किसान के दिल भर दे इस किसान को सलाम कर दे।
इस देश के रक्षा करने वाले हर जवान दिल भर दे , इस जवान को सलाम कर दे।
हो हो रंग दे, हो हो रंग दे।
हो हो घर - घर को रंग दे, हर - घर को तिरंग दे।
हो हो हर दिल में तिरंग भर दे।
हर गांव - गांव में , हर राष्ट्र - राष्ट्र में
पूरा देश भर तिरंग दे।
हर दिल को रंग दे, हर दिल में तिरंग भर दे।
लेखक: डॉ यू श्रीनिवासुलू जी और डॉ एम डी यस मकसूद अहमद जी,
व्याख्याता, के वि आर सरकारी महिला कलाशाला, कुर्नूल|
DTP : T.Nandhiswari
द्वितीय वर्ष की छात्रा
के वि आर सरकारी महिला कलाशाला, कुर्नूल|
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